GST कम होने की प्रतिक्षा कर रहे ग्राहकों को बीमा कंपनियों द्वारा जोर का झटका लगा है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी दरों में कमी का पूरा लाभ पॉलिसीधारक को नहीं मिल रहा है अपितु कंपनियों द्वारा अतिरिक्त कवरेज समेत कई तरह के नए फॉर्मूले अपनाए जा रहे हैं, जिससे प्रीमियम कम होने के स्थान पर बढोत्तरी देखी जा रही है.
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें हैं। कुछ कंपनियों ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी धारक की उम्र का स्लैब बढ़ने का हवाला देकर प्रीमियम बढ़ा दिया है। जैसे एक व्यक्ति ने बीते वर्ष 63 हजार रुपये का प्रीमियम भरा था, लेकिन इस बार उनकी आयु 70 वर्ष पूरी हो गई है। कंपनी ने हवाला दिया कि आपका उम्र स्लैब परिवर्तित हो रहा है इसलिए आपके प्रीमियम में बढ़ोतरी की जा रही है।
इतना ही नहीं, कई कंपनियों ने पॉलिसी के साथ कुछ राइडर (सेफ गार्ड) यानी अतिरिक्त कवरेज जोड़ कर पॉलिसी का प्रीमियम उतना ही रखा रही हैं, जितना बीते वर्ष था। अतिरिक्त कवरेज जोड़कर बीमा कंपनी द्वारा कहा जा रहा है कि आपको यह अतिरिक्त लाभ मिलेगा। जबकि, कई कंपनियों को लेकर शिकायतें हैं कि उनके पॉलिसी में पहले से वह अतिरिक्त कवरेज शामिल था, लेकिन उसे नया कवरेज बताकर प्रीमियम बढ़ाया गया।
जीवन बीमा पॉलिसी प्रीमियम में ढाई प्रतिशत तक की कटौती
सोशल मीडिया पर ऐसी शिकायतों की संख्या काफी है, जिसमें लोग बीमा कंपनी और इरडा को टैग करते हुए लिख रहे हैं। जैसे एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि बीते वर्ष उन्होंने जीवन बीमा के तौर पर 23667 रुपये का प्रीमियम भरा था। इस बार 23146 रुपया का प्रीमियम है। यानी कुल प्रीमियम में करीब 2.5 प्रतिशत की कटौती की गई है, जबकि सरकार ने जीएसटी दरों में 18 फीसदी की कटौती की है।कुछ कंपनियों ने लाभ दिया, पॉलिसी कमीशन घटायातमाम शिकायतों के बीच कुछ कंपनियों ने जीएसटी दरों में की गई कटौती का लाभ सीधे तौर पर पॉलिसीधारकों को देने की पहल की है। अपने खर्चों में कमी करने के लिए कंपनियों ने पॉलिसी से जुड़ी कमीशन में भी गिरावट की है, जिससे की पॉलिसी धारक को लाभदिया जा सके।
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